Saturday 2 August 2014


सुबह - सवेरे
स्वच्छंद
साँवरे - सावन
की सर्र - सर्र सरसराती
हवाओं के साथ
जल - बिन्दु 
भिगो गयी मुझे ~~~
कि अचानक
मौसम ने ली
अंगराई !!
सूरज ने इंद्रधनुषी छटा बिखराई
यूँ लगा ~~~
आचमन कर लिया मैंने
तुम्हें धारण कर लिया मैंने
मानों - मौन मधु
सरस हो गया !!!

===== © वंदना दुबे
 —
Photo: सुबह - सवेरे
 स्वच्छंद
साँवरे  - सावन 
की सर्र - सर्र सरसराती 
हवाओं के साथ 
जल - बिन्दु 
भिगो गयी मुझे ~~~
कि  अचानक 
मौसम ने ली 
अंगराई !!
सूरज ने इंद्रधनुषी छटा बिखराई 
यूँ लगा ~~~
आचमन कर लिया मैंने 
तुम्हें धारण  कर लिया मैंने 
मानों - मौन मधु
 सरस हो गया !!!

===== © वंदना दुबे

No comments:

Post a Comment