फिर आना तुम
जब दीप जले
जब शाम ढले
जब पवन चले
जब पंक्षी उड़े
फिर आना तुम .....
जब साज बज़े
फिर नैन मिले
क्यूँ चाँद जले
झिलमिल सितारों
की बारात चले
फिर आना तुम .....
फिर भोर न हो
केसरिया सूर्य न हो
जब हम तुम हों
तुम ख़फा न हो
रजनी रहे उषा न हो
वक़्त न टले
अब न करना
कोई बहाना तुम
फिर आना तुम ......
==== वंदना दुबे ====
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