अपनी यादें बोकर
तुम नित
पुष्पित पल्लवित फलित होने लगे हो
मन के आँगन में
छेड़ गये "यमन " की ताने ....
जब - जब भी मिलते हो
खूब खिलखिलाते हो ,
ज़रा ये भी बताओ हमें
इतनी खुशियाँ कहाँ से
बटोर लाते हो !!!
तुम नित
पुष्पित पल्लवित फलित होने लगे हो
मन के आँगन में
छेड़ गये "यमन " की ताने ....
जब - जब भी मिलते हो
खूब खिलखिलाते हो ,
ज़रा ये भी बताओ हमें
इतनी खुशियाँ कहाँ से
बटोर लाते हो !!!
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