Wednesday 20 August 2014

अरुणोदय मुझे पसंद है
तुम्हारी याद दिलाता है।
एकांत मुझे पसंद है
तुम्हारे स्वप्न दिखाता है। 
ये वसुंधरा !!!
तो स्वर्ग है
इसके हर रूप - रंग में
दिल में ब
से रहते हो
बसे रहोगे युगों - युगों तक ....... 


सर्द सर्द शिशिर
की ठिठुरती रातों में
जब सहसा नींद ख़ुलती है !!!
तो एक तेरा अहसास
नींद उड़ा ले जाता है
और ताप से भर देता है
मुझे गुनगुनी धूप जैसे .....:))))

No comments:

Post a Comment