विश्वास के बदले विश्वास
और मोहब्बत के बदले
मोहब्बत मिले
ये जरुरी तो नही
बहुत खुदकिस्मत हैं वे
जिन्हें ये नसीब
और जिन्हें ना
वो इसका स्वाद ही क्या जाने
क्या पहचाने
इसकी दीवानगी
और सारी जिन्दगी यूँ ही
तन्हा बिता देंगे
पछ्तायेगें रोयेंगे काश !!!
हम उन पलों को समेट पाते
जो रेत की तरह हाथों से फिसल गए
और मोहब्बत के बदले
मोहब्बत मिले
ये जरुरी तो नही
बहुत खुदकिस्मत हैं वे
जिन्हें ये नसीब
और जिन्हें ना
वो इसका स्वाद ही क्या जाने
क्या पहचाने
इसकी दीवानगी
और सारी जिन्दगी यूँ ही
तन्हा बिता देंगे
पछ्तायेगें रोयेंगे काश !!!
हम उन पलों को समेट पाते
जो रेत की तरह हाथों से फिसल गए
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