Wednesday 20 August 2014

तुम बिन जीवन बीतेगा नही
हौले - हौले से कह गयी अब
मौसम की पहली फ़ुहार !!!







अपने वारुणी नयनों से
निहारूंगी तुम्हें
बस
मेरे घर
दबे पाओं चुपचाप चले आओ !!!
ना मन में आओ ,
न स्पंदन बढाओ
ना साँसों से महकाओ
बस और बस ,
चुपचाप चले आओ !!!

============== वंदना दुबे


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