Monday 6 October 2014

सुनो मनहर !!!
बांधना चाहा
तुम्हें "शब्दों " से
बांधना चाहा
तुम्हें " शिव "
पूजा से ~~~~
पर तुम
मौन ही रहे !
~~~~~~~~
तुम्हें पाने की आरजू
दिनों - दिन
रूपांतरित हो रही
एक अपूर्व धुन में
क्षण प्रति
क्षण
जन्म - जन्मांतरों
युगों -युगों
का रिश्ता बनाने
की अनूठी चाह !!!

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