Monday 13 October 2014

हुड - हुड की
अनूगूँज चहुंओर छायी ~~~

कार्तिक में सावन
घिर आया
प्रबुद्ध प्रकृति
सुन्दर परिवेश
हरित -पुलिन
अलसाये से तरु भी भीगे
दूधिया सलिल हर ओर ~~~~

टप -टप
टपाटप,
सघन मेघ
घिर - घिर
कारे -कारे  ~~~~~
मधुर - मधुर
मिया मल्ल्हार की तानों सा
श्रृंगारित हुए पात - पल्लव
वनस्पतियाँ अंगराई लेने लगी
भीगा मन मेरा भी  ~~~~~

No comments:

Post a Comment