चलो मनहर चलो !!!
गहन वन में ,
गगन आँगन में
तरुवर की छाया में
पलाश के बिछौने में
चलो मनहर चलो !!!
***
देवदार के कुंजो में ,
हिमतुंग शिखरों में
शीतल कटीली फिजाओं में ,
उबर -खाबर पगडण्डी में
चलो मनहर चलो !!!
***
पथरीली नदियाँ निहारेंगे ,
तुम संग हाथों में हाथ लिये
फुदकते हुये पार करेंगे
हिमजल तुम पर बरसाएंगे
चलो मनहर चलो !!!
***
देखो !!!
प्रकृति प्रबुद्ध होने लगी ,
वनस्पतियाँ अंगराई लेने लगी
बिखराया प्रफुल्ल सुमन
चहुंओर .......
अपलक नयन दर्शन को आतुर
चलो मनहर चलो !!!
***
इस अप्रतिम बेला में
अलसाये से तरु भी भीगे
रक्ताभ आभा लिये नव पल्लव
पुलकित -पुलकित !!
श्रंगार की चमक
बिखर आयी समूचे
वनमंडल में ......
चलो मनहर चलो !!
गहन वन में ,
गगन आँगन में
तरुवर की छाया में
पलाश के बिछौने में
चलो मनहर चलो !!!
***
देवदार के कुंजो में ,
हिमतुंग शिखरों में
शीतल कटीली फिजाओं में ,
उबर -खाबर पगडण्डी में
चलो मनहर चलो !!!
***
पथरीली नदियाँ निहारेंगे ,
तुम संग हाथों में हाथ लिये
फुदकते हुये पार करेंगे
हिमजल तुम पर बरसाएंगे
चलो मनहर चलो !!!
***
देखो !!!
प्रकृति प्रबुद्ध होने लगी ,
वनस्पतियाँ अंगराई लेने लगी
बिखराया प्रफुल्ल सुमन
चहुंओर .......
अपलक नयन दर्शन को आतुर
चलो मनहर चलो !!!
***
इस अप्रतिम बेला में
अलसाये से तरु भी भीगे
रक्ताभ आभा लिये नव पल्लव
पुलकित -पुलकित !!
श्रंगार की चमक
बिखर आयी समूचे
वनमंडल में ......
चलो मनहर चलो !!
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