मेरी कविताएँ
Sunday 4 August 2013
कुछ बंधन ऐसे होते हैं
जो अनजाने से होते हैं
पहले मन से
फ़िर ज़िन्दगी से जुड़ जाते हैं
कहते हैं उसे " सखा ".......
जिसके ना जाने
हम कब हो जाते हैं ......
उनके अश्कों को हम भी
पलकों में छुपा जाते हैं ..
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