मेरी कविताएँ
Monday 3 February 2014
आज फिर मन है क्यूँ
अनमना - अनमना
तुमसे ही जिंदगी
तुमसे ही सारी ख़ुशी
तुम संग ही गुफ्तगू
तुम से ही धूप - छाँव
बस तुझे ख़ोने से डरता है
ये दिल ~~
पल - पल
हर - पल~~~
वंदना दुबे ~
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