एक अभिलाषा !!!!!
एक अभिलाषा !!!!!
हर जन्म में तुम्हें पाऊं ,
तुम संग " तिलक कामोद " गाऊं
मीठी तान सुनाऊं ,,,,,
आधी रात में
चांदनी से नहाऊं ,,,
अविरल अनंत अगाघ गुफ़्तगू
उषाकाल तक ,,,,
तुम्हारे ललाट में उभरी रेखाओं
को निहारूं ,,,,
तुम संग " तिलक कामोद " गाऊं
मीठी तान सुनाऊं ,,,,,
आधी रात में
चांदनी से नहाऊं ,,,
अविरल अनंत अगाघ गुफ़्तगू
उषाकाल तक ,,,,
तुम्हारे ललाट में उभरी रेखाओं
को निहारूं ,,,,
तुम्हारे वक्ष पर प्राण गवाऊं,,,,
No comments:
Post a Comment