Saturday 8 June 2013

ये दूरियाँ तुमसे ......

ये दूरियाँ तुमसे .......
विरह के रंगीन क्षण
अनंत अश्रु कण
कपोल पर
नित् बह चले .....
ये दूरियाँ तुमसे ........

अश्रु से भीगा तन - मन
उद्वेलित लहरों सी धड़कन
बिखरे केशू पत्तों जैसे
नैनो से स्वप्न पराग झरा ...
ये दूरियाँ तुमसे ........

विहान और रैन भी
बैचैन हैं तुम बिन
नभ और भू भी
निस्पृह साथ -साथ हो चले ...
ये दूरियाँ तुमसे ........

संगीत भी भाये ना तुम बिन
पतझर हो गये हैं बसंत
अवसाद करुणा से से भरा मन
नही कटते अब एक भी क्षण ......
ये दूरियाँ तुमसे .........
Photo: ये दूरियाँ तुमसे  ......
ये दूरियाँ तुमसे  .......
विरह के रंगीन क्षण
अनंत अश्रु कण
कपोल पर 
नित् बह चले .....
ये दूरियाँ तुमसे  ........

अश्रु से भीगा तन - मन 
उद्वेलित लहरों सी धड़कन 
बिखरे केशू पत्तों जैसे 
नैनो से स्वप्न पराग झरा ...
ये दूरियाँ तुमसे  ........

विहान और रैन भी 
बैचैन हैं तुम बिन 
नभ और भू भी 
निस्पृह साथ -साथ हो चले ...
ये दूरियाँ तुमसे  ........

संगीत भी भाये ना तुम बिन 
पतझर हो गये हैं बसंत 
अवसाद करुणा से से भरा मन 
नही कटते अब एक भी क्षण ......
ये दूरियाँ  तुमसे .........

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