Wednesday 20 May 2020

लाकडाउन -४ 

डर के आगे जीत है , विगत ६० दिनों से हम सब एकाकी जीवन जी रहे हैं , इस दौर में विचलित होना स्वाभाविक है |  धैर्य , दूरदर्शिता , साहस  से आने वाली हर चुनौती का सामना करना होगा हमें ----  समग्रता , संतुलन, सहजता और करुणा की पराकाष्ठा से बड़ी से बड़ी महामारी ( कोविड -१९ ) से हम एकजुट हो दूर रहकर सामना कर लेंगे |
                                                    जीवन असंख्य  संभावनाओं और प्रेरणाओं  की खदान है ,इन दिनों  हमारी आत्मा में सकारात्मकता  , आत्मसंयम,  अनुशासन , मननशीलता और आध्यात्म का जो बीज रोपित  हुआ है यूँ लगता है मानों दो माह का कोई देवीय अनुष्ठान किया हो हमने ----   इन अनुभवों को संजो हमें आजीवन जीना है ---  विषम समयाविधि में हमने खूब आत्ममंथन और आत्मचिंतन किया है ,  धनात्मक सोच और सात्विकता को अंगीकार कर हमने एक आनंददायी जीवन जिया है |

मन  जब दुखी होता है तो दोनों  (+ - )  तरह के विचार हमें व्यथित करते हैं , दिन लम्बे और लम्बे लगते हैं वैसे भी जेठ ऋतु में रातें छोटी होती हैं , ये समय अस्थायी है हताशा छोड़  हौसला रख संकल्पित होना होगा | परीक्षा की घड़ी सा ये काल बिताना होगा हंसकर तभी हम अपने मन में को "कोरोना"  से लड़ने लायक बना पाएंगे |

वसुधा संवर रही है इन दिनों हम देख रहे हैं , इस भीषण गर्मी में अमलतास की झालरें और गुलमोहर के सुर्ख आच्छादित  तरुओं से हमें प्रेरित होना चाहिए , हमेशा रंगों और    उल्लास से भरे-भरे से दृष्टिगत होते हैं , अवनि  और अम्बर की अठखेलियां प्रत्युषा से सांयकाल तक विविध इंद्रधनुषी छटा बिखेरती है , पाखियों  की कतारे, कोलाहल , कृन्दन  इन संग ये आनंददायी  क्षणों  को आत्मसात कर हमारी वेदना कम हो सकती है | प्रकृति प्राचीन काल से ही सहायक रही है हमारा मनोबल बढ़ाने में बस उसके सुरों , रंगो और अतर  को पहचानना होगा, अरण्य संस्कृति और भारतीयता अपनाने की पुरज़ोर प्रयत्न करना होगा हमें विषाद से बचने के लिए |

 हमें स्वयं को आत्मक्रेंद्रित करने , उष्मा , उत्साह,  आध्यात्म और  पठन के लिए सबसे अनुकूल समय है इन दिनों ---- अभी भरी हुयी ये संचित ऊर्जा विपरीत परिस्थितियों में सम्बल प्रदान करेगी और हमें आरोग्यता , सात्विकता और एक ओज से हमारे मानसपटल को देदीप्यमान करेगी | सारा ब्रम्हांड " कोविद १९ " की संजीवनी ढूढ़ने में तत्पर है , सफलता  अवश्य मिलेगी , एक नयी सुबह के इंतज़ार में हैं हम सब जो निश्चित ही आएगी | डर आगे जीत है ---- जीतेंगें हम ----- |||----

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