मेरी कविताएँ
Thursday 17 April 2014
ऊंचाई वो ,
जहाँ से अपने भी नज़र आयें
यादें वो ,
वो तनहायी में साथ निभाएं
अच्छायी वो ,
जो बिगड़े संबंधों को बनाये
और सालों - साल निभाये !!!
............ वंदना दुबे
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