Thursday 12 March 2020



मैं बसंती पवन  हूँ !


मैं बसंती पवन  हूँ, 
जाती ठण्ड की 
कुनकुनी धूप  लिए 
फिरूं मैं 
इधर- उधर 
बड़ी मनचली सी---- 
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पीत वसुधा 
पीत कुसुम 
तरुण आम्र की मंजरियाँ 
को करती शोभित 
खिली चमचमाती सब 
मैं बसंती पवन   हूँ -----

कोमल -मधुर हास -विलास 
"बसंत" का आलाप करती 
नव -तरंग छुई -मुई सी 
चपल मैं 
पुलकित करती  सृष्टि 
मैं बसंती पवन  हूँ ------

~वंदना दुबे ~
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