Monday 19 October 2015

जलनिधि की लहरों सी
तेरी यादें
पैरों से टकराकर
आंदोलित कर
क्षण -क्षण
तेरा शीतल आभास
करा जाती हैं
हमें
और हम
चकित रह जाते हैं
कितनी खूबसूरत सी लगती हैं लहरें …… !!!
~~ ©2015वंदना दुबे ~~~

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