Sunday 23 August 2015

वो सावन 
का 
नम - नम 
सा अहसास 
भिगो गया "मन"
के किसी कोने को
लाल डोरियाँ फ़िर छलछला
उठी ;;;;;;;;
कोई जान भी ना पाया
नैन बारिश से गीले
या "अश्रु " से ........... !!!

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