नयनन में रुक जाओ
कुछ दिन !
फिर स्वप्न
यदि
हो भी जाओ तो
क्या !!!
तुम्हारे अल्फ़ाज़
रस घोलते हैं कानों में,
तुम्हारे सन्देश
ऊष्मा से भर देते हैं,
जिंदगी जैसे नया
मोड़ ले लेती है
एक ताज़गी के साथ
हर सुबह ~~~~~ :))))
कुछ दिन !
फिर स्वप्न
यदि
हो भी जाओ तो
क्या !!!
तुम्हारे अल्फ़ाज़
रस घोलते हैं कानों में,
तुम्हारे सन्देश
ऊष्मा से भर देते हैं,
जिंदगी जैसे नया
मोड़ ले लेती है
एक ताज़गी के साथ
हर सुबह ~~~~~ :))))
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