Saturday 29 November 2014

आसमान ने ओढ़ा
लिहाफ
श्वेत- बादलों का फिर,
 इन दिनों ~~~~
सुबह - सवेरे ~~~~
सूरज की अरुणाई
में भी नमी समायी
इन दिनों ~~~
जरा झाँककर -झरोखों
से देखा बाहर
गुलाबी धूप
गुनगुना रही है,  ♬♬♬♬♬♬

इन दिनों ~~~~~
जो तुम आ गए
करीब
खूबसूरत हो जायेगी
जिंदगी फिर
 इन दिनों ~~~~ 

No comments:

Post a Comment