Thursday 23 May 2013

मौन भी अलंकृत करता है मुझे
जब तुम होते हो पास
तुम्हारे होने की अनुभूति से
मन लहरों सा चंचल
तरंगों सा तरंगित
सिन्दूरी किरणों को
समेटती लहरे
एसे ही तुम्हे
आगोश में लेने की लालसा
तुम्हारे लिए चाहत एक पन्ना
मेरे लिए पूरा एक ग्रन्थ
जिसके हर लम्हों को
सजाया है आँचल में
तुम संग बिताये पलों की
यादों से भरा ये ग्रन्थ
मेरे जीने का मकसद
जब भी तन्हा होती
उलट लेती हूँ कुछ पन्नों कों
और नजदीक होती हूँ आपके
Photo: मौन भी अलंकृत करता है  मुझे 
जब तुम होते हो पास 
तुम्हारे होने की अनुभूति से 
मन लहरों सा चंचल 
तरंगों सा तरंगित 
सिन्दूरी किरणों को 
समेटती लहरे 
एसे ही तुम्हे 
आगोश में लेने की लालसा 
तुम्हारे लिए चाहत एक पन्ना 
मेरे लिए पूरा एक ग्रन्थ 
जिसके हर लम्हों को 
सजाया है आँचल में 
तुम संग बिताये पलों की 
यादों से भरा ये ग्रन्थ 
मेरे जीने का मकसद  
जब भी तन्हा  होती 
उलट लेती हूँ कुछ पन्नों कों 
और नजदीक होती हूँ आपके2

Tuesday 21 May 2013


विश्वास के बदले विश्वास
और मोहब्बत के बदले
मोहब्बत मिले
ये जरुरी तो नही
बहुत खुदकिस्मत हैं वे
जिन्हें ये नसीब
और जिन्हें ना
वो इसका स्वाद ही क्या जाने
क्या पहचाने
इसकी दीवानगी
और सारी जिन्दगी यूँ ही
तन्हा बिता देंगे
पछ्तायेगें रोयेंगे काश !!!
हम उन पलों को समेट पाते
जो रेत की तरह हाथों से फिसल गए ....

Wednesday 15 May 2013


Thursday 9 May 2013





Monday 6 May 2013


1

Sunday 5 May 2013


"बीता हुआ कल
जो न आएगा फिर कल
उसे याद न करो
वरना पछताओगे
जिंदगी गुजरती रही
वक़्त दर वक़्त
मन के द्वार पर
कितने ही पैबंद लगा दो
समृतिया खटखटाती रहेंगी
झकझोरेंगी तुम्हें
संपूर्ण अस्तित्व को
आज फिर अतीत में
क्यू चले गए हम
आओ निकल बाहर
वरना पछताओगे "
"बीता हुआ कल 
जो न आएगा फिर कल 
उसे याद न करो 
वरना पछताओगे 
जिंदगी गुजरती रही 
वक़्त दर वक़्त 
मन के द्वार पर
कितने ही पैबंद लगा दो 
समृतिया खटखटाती रहेंगी 
झकझोरेंगी तुम्हें
संपूर्ण अस्तित्व को 
आज फिर अतीत में
क्यू चले गए हम 
आओ निकल बाहर
वरना पछताओगे "

Saturday 4 May 2013