Tuesday 26 June 2018

चलो मनहर चलो !!!
गहन वन में ,
गगन- आँगन में 
तरुवर की छाया में
पलाश के बिछौने में 
चलो मनहर चलो--- !!!
***
देवदार के कुंजो में ,
हिमतुंग शिखरों में
शीतल कटीली हवाओं में
उबड़-खाबड़ पगडण्डी में ,
चलो मनहर चलो---- !!!
***
पथरीली नदियाँ निहारेंगे ,
तुम संग,
झूमेंगे इठलायेंगे पार करेंगे,
फिर
हिमजल तुम पर बरसाएंगे
चलो मनहर चलो---- !!!
***
देखो !!!
प्रकृति प्रबुद्ध होने लगी ,
वनस्पतियाँ अंगराई लेने लगी
बिखराया प्रफुल्ल सुमन
चहुंओर -----
मानो नव-परिधान पहने धरा
***
इस रिमझिम सांझ की बेला में ,
अलसाये से तरु भी भीगे
रक्ताभ आभा लिये नव- पल्लव
हर्षित -पुलकित
अलंकृत हुआ समूचा अरण्य
नयन दर्शन को आतुर
चलो मनहर चलो---- !!!

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