Wednesday 15 November 2017



"सपने"
उनींदी चक्षुओं 
के स्वप्न, 
अलौकिक-आलोक प्रभात का,
कल -कल पावस अमृत धारा 
भागीरथी की 
नर्तन करती प्रभाकर की किरणों संग 
भैरव की मधुर तान 
तुम संग मौन अभिव्यक्ति
फिर जगा गयी मुझे 
आखें खुली तो 
बस स्वप्न था......... बस स्वप्न था ....... यथार्थ दूर बहुत दूर था ...........
"सपने" हज़ारों साल से कौतूहल बने हुए हैं .... हज़ारों साल से इनपर शोध हो रहा है, पर पहेली 
उतनी ही गूढ़ रहस्य और उलझी गुत्थी बनी हुयी है ....... आज भी विज्ञान-विधा के लिए, उतनी ही अनबूझ पहेली। बंद नयनों के पीछे कई स्वप्न उभरते हैं| 
"नयन खुले तो स्वप्न अधूरा"
स्वप्न का रिश्ता भूत, भविष्य और वर्तमान सभी से सामान होता है, जैसी सोच होती है, सपने भी उन्ही को साकार करते हैं, रंग बिरंगे मधुर सपने, गुलों पर ओस की बूंदों से नाजुक,सुमन से महकते, विरह में तड़फते , जीवन के हर रस से रचे ~ रंगारंग !!
जिन ख़्वाबों का हम सचेतन अवस्था में गला घोट देते हैं, उन ख़्वाबों को हम सुप्तावस्था में सच होता पाते हैं। हमारे पुराणों में भी विदित है कि केवल मानव जाति ही स्वप्न का आनंद उठा पाती है। स्वप्न में अपने आराध्य/ प्रियतम/ स्नेही जन के दर्शन से मन पुलकित हो उठता है। कभी हम काम के बोझ से थके हों तो सुहाने सपने मन को आत्म-विभोर कर देते हैं........... हर सपना कुछ कहता है, स्वप्न के सार को समझना गूढ़ कला है।
हर स्वप्न कुछ-न कुछ कहता है। कुछ सपने जीवन में खुशियों की लहर भर देते हैं। तो कुछ उदास कर देते है हमें! 
सपनों का सीधा संबंध अंतर्मन से होता है। माननीय अब्दुल कलाम ने भी कहा है
" सपने वही जो आपको सोने न दें "
बहुत से लोंगों का सपना अमीर/ खिलाड़ी / गायक / वादक या बड़े ओहदे पर कार्य करने का होता है, सबके सपने अलग-अलग,......... माँ- बाप को भी बच्चों को स्वयं निर्णय लेने देना चाहिए , हाँ हानि - लाभ आप समझा सकते हैं क्योकि आपने जीवन जिया है अनुभव बाँट सकते हैं पर उनकी रूचि आहत न हो ,अपने मन के काम से बच्चे अपने काम के प्रति अति-उत्साही होंगें ऊंचा मुकाम हासिल करेंगे |
,हमेशा मन की आवाज़ सुने अपने पसंद का काम करें स्वयं हमें तय करना है स्वप्न को हकीकत का रूप देने के लिए प्रत्नशील होना होगा अपने सपने को अपना जूनून बनाना ही सफलता का रास्ता दिखाता है अपने स्वयं के सपने साकार करें, नहीं तो कोई और अपने सपनों को साकार करने के लिए आपको काम पर रख लेगा |
सपना पूरा करने के लिए आत्मविश्वास स्वयं में पैदा करें और उसे जीवंत रूप देने के लिए अंतिम समय तक जूझते रहे सफलता निश्चित आपको शिखर तक पहुंचाएगी |
जब हम नींद में होते है, तब हमारी देह अंतर मन से अलग होती है क्योंकि आत्मा कभी सोती नहीं। जब मानव शयनावस्था में होता है तो उसकी पाँचों ज्ञानेंद्रियाँ उसका मन सुप्तावस्था में तल्लीन और व्यक्ति का मस्तिष्क पूरी तरह शांत रहता है।सपने हमारे दिमाग में चल रही तस्वीरों, भावनाओं और विचारों से बनते हैं...... सपने हमारे अवचेतन मन की उपज होते हैं, इसलिए उन्हें समझना बहुत जटिल होता है. कई सपने हमें कुछ संकेत भी देते हैं. यह संकेत आपके अतीत या भविष्य से भी जुड़े हो सकते हैं. दिमाग की गहराइयों में छुपे भाव और डर भी सपनों का रूप ले लेते हैं. यह हमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में भी बहुत कुछ बताते हैं|
सपने तो सपने 
कब कहाँ अपने 
आँख खुली तो गायब 
और 
रीते हम.......
उस अवस्था में व्यक्ति को एक अनुभव होता है, जो उसके जीवन से संबंधित होता है। उसी अनुभव को स्वप्न कहा जाता है। स्वप्न के सम्बन्ध में कई भ्रांतियाँ भी है जिन्हें हम शुभ- अशुभ का सूचक मानते हैं।
१) सपने में खिले हुए गुलाब के फूल देखने से मनोकामना पूर्ण होती है।
२) पतंग उड़ाना -व्यापार में लाभ।
३) सपने में रसभरे फल खाना अत्यंत शुभ माना गया है।
४) मक्खन - यह प्रसन्नता का सूचक है।
सपनों को ऊंचाई दो, नभ की विशालता दो, अचेतन मन कि मीठी फुहार है, कोई सीमा नही, कोई बंधन नही...... सपनों के संग हम आज़ाद होते हैं.......... उड़ सकते हैं ~~~ चहक सकते हैं **** ख़्वाबों में जी सकते हैं, गहन वन में घूम सकते हैं--------- खुश रहिये, पुलकित रहिये और खूब सपने देखिये। मैं दुआ करूंगी की सबके सवप्न यथार्थ में रूपांतरित हो /\
वंदना दुबे