Thursday 1 June 2017

हंसीं में छुपी जीवन की ख़ुशी “ ===================
" छोटी सी हँसी
बड़ी है ख़ुशी
हर गम की दवा
जिसके आगे न कोई टिका..."
ख़ुशी में छिपा है जीवन का " निर्मल आनंद" अनंत समस्याओं का निदान और समाधान .......मुस्कराहट से ...........मुस्कराहट हमें सहजता, सरलता, सुंदरता और आत्मविश्वास से भर देती है, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तनाव और भी अनेक रोगों को दूर भगाने के लिए हँसी राम बाण औषधि है, तनाव, चिंता, डर, गुस्सा, अधीरता आदि नकारात्मक प्रवृतियों से हमारी चयापचय क्रिया प्रभावित होती है , अन्तःस्त्रावी ग्रंथियां ठीक से काम नही कर पाती है | क्रोध से विषैले तत्व जन्म लेते है जो हमें अशांत रखते है व शरीर के लिए हानिकारक भी हैं | हास्य चिकित्सा से शरीर में विजातीय तत्वों का निष्कासन के साथ- साथ सकारात्मक विचारों का आगमन होता है |
हंसना और मुस्कुराना सरलतम प्रक्रियाएं है |जो हमारे साथ साथ सामने वालों को भी लाभान्वित करती हैं |
प्रसन्नता को हम प्रकृति में ऋतुराज वसंत की भी उपमा देते हैं " बसंत " में धरा अलंकृत हो मुस्कुराती है जो वसुधा के शृंगारित और हर्षित होने का सूचक है |
अवनि भी मुस्काई हम संग
सरसों भी बौराई संग संग
जीवन में छा गया "बसंत "
हंसना सहज प्रक्रिया है जो हमारे व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती है ये एक ऐसी ऊर्जा " ज्यों खर्चे त्यों -त्यों बढ़े " के सिद्धांत पर चलती है........ हम स्वस्थ, हमारा रक्त संचार बढ़ेगा रक्त- परिभ्रमण अनुकूल होगा ..... ऑक्सीजन का अवशोषण बढ़ेगा विषैले तत्वों का निष्कासन तेजी से होगा ......नई ऊर्जा का संचार जो स्वास्थ्य के लिए उत्तम ....... हँसने से अंग- अंग फुर्तीले और शक्ति से भर जातें है, जिससे हमारी कार्यक्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है | हँसी मनुष्य का नैसर्गिक गुण है हंसने से शुभ विचारों का प्रादुर्भाव होता है नकारात्मकता समाप्त होती है, मुस्कराहट मानव को शृंगारित ही नही करती सौंदर्य और सकारात्मक उष्मा से भी भरती है |

हंसने से चेहरा ओजवान ,स्फूर्तिवान , मननशील बनता है, सौहाद्रता और भाईचारा बढ़ता है, हँसते हुए कहे गए कटु वचन भी लोग हँसी में उड़ा देते हैं बड़े से बड़े बिगड़े हुए काम भी मुस्कुराने से बनते प्रतीत होते हैं |
जगत में सभी जन मोहक खिले सुमन सदृश्य मुस्कुराते रहे हँसते रहे तभी जीवन सफल, सरल और हम निरंतर आशावादी बने रहते हैं तो फिर हँसिये हँसाइये खुशियां बिखराइये। ...........आमीन....^^.....!!!
वंदना दुबे